हमको सिर्फ "बहना" है



नदी जब निकलती है,
कोई नक्‍शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है।
बिना नक्‍शे के सागर तक पहुंच जाती है।
इसलिए "कर्म" करते रहिये,
नक्शा तो भगवान पहले ही बनाकर बैठे है ।
हमको तो सिर्फ "बहना" ही है ।

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